राजस्थान (Rajsthan) के झालावाड़ (Jhalawar) सरकारी स्कूल में हुए इस हादसे के बाद इलाके में मातम है, वहीं देश भर के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते स्कूल की सही से मरम्मत की गई होती तो ये हादसा टल सकता था। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर तो पहले से ही थी ,उस पर बरसात ने उसे और ज्यादा कमजोर बना दिया था। मार्च में हुए सर्वे में राज्य में जर्जर स्कूलों को लेकर खुलासा भी हुआ था लेकिन झालावाड़ (Jhalawar) के इस स्कूल को जर्जर स्कूलों की सूची में नहीं डाला गया था। सर्वे के मुताबिक राजस्थान में 900 से ज्यादा सरकारी स्कूल जर्जर हालत में हैं, मार्च में ये सर्वे हुआ था..जिसमें कहा गया था कि राज्य के दो हजार स्कूलों को मरम्मत की जरूत है लेकिन हैरानी की बात ये है कि झालावाड़ के पिपलोदी में स्कूल की जो बिल्डिंग गिरी उसका नाम तक इस सूची में दर्ज नहीं था।
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